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Showing posts from February, 2020

HOLI DAY-2- The World-famous Barsane ki Holi

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HOLI DAY-2 The World-famous Barsane ki Holi प्रसिद्ध  ब्रज की होली,   बरसाने   की   होली ,  ब्रज की   होली रसिया ,  बृजेश   की   होली ,  आज के रसिया ,  आज बिरज में होली रे रसिया ,  वीर   की   होली ,  मथुरा   की   होल Barsana ki Holi ब्रज की होली, होली का एक पवित्रतम रूप माना जाता है। यह आरम्भ हुआ द्वापर युग से जब श्रीकृष्ण अपने सखाओं के संग ब्रज की गलियों में, श्री राधा तथा अपनी सखियों संग बड़ी धूमधाम से रंगों की होली खेलते थे। इस होली का वर्णन सुनकर आपको बडा ही आनन्द आयेगा। अनेक रसिक संतों ने ब्रज की होली का अति सुन्दर वर्णन किया है- ब्रज की गलियों का रंगों से सराबोर हो जाना, रंगो-गुलाल की कीच मच जाना, श्रीकृष्ण की चतुराई से श्रीराधा एवं गोपियों को रंग लगाने का तथा सखियों द्वारा श्रीकृष्ण को पकड़कर छोरी वेश बनाने का अति ही सुन्दर वर्णन किया है। Radha Krishna वृन्दावन-बरसाने में होली  का शुभारम्भ ही हो हो होरी है... नन्दगाँव का छोरा है.. बरसाने की छोरी है... हो हो हो...

Happy Holi, Importance of Holi

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Importance of Holi Happy Holi We the human being feel it very difficult to forgive others especially our near and dear ones for small errors and keep the grudge for a long. We have read,  to err is human to forgive divine , but we don’t know the real meaning of it. To ire is human to forgive divine, seems very true when we commit some mistake. We take it so easy and think why that person is so rigid? Why he/she is not letting it go? What have I done, just this…or that... Why this happens? Whether we would hold the thing or let it go, it all depends on... Our thoughts..how long we ponder over it..how long we chew it... Now, who decides it? Our mind! We need training, training of our mind through our intellect, which helps it to decide what is important and what is not! How we can do this? Who will help us? Meditation.   Yes through meditation practice you achieve this subtle knowledge. You would be able to read your mind and change its direction co...

HOLI DAY-1

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HOLI DAY-1 Chhoti Holi, Holika Dahan, Dole Purnima, Gaurang Mahaprabhu Jayanti Chhoti Holi, Holika Dahan, Dole Purnima, Gaurang Mahaprabhu Jayanti Holi festival has two parts  Holika Dahan is  done on the  first day , it is called  Chhoti Holi , and on the second day Rango ki Hol i is played.  It is called Holi.  Dol Purnima and Gaurang The festival of Chhoti Holi is celebrated with great enthusiasm in different parts of India.  In Bengal, Orissa, Assam, it  is celebrated as  Dol Purnima and Gaurang Jayanti .  And in North India, it is celebrated as Chhoti Holi. We have told the story of Chhoti Holi i.e. Holika Dahan in its previous post. It is also known as Dole Yatra or Dol Purnima.  This festival is celebrated with great enthusiasm in the regions of Bengal, Orissa, Assam etc.  This is a Vaishnava festival, on this day, the devotees take Shri Krishna in a decorated palanquin and arrange a huge p...

Blues and Depression, अवसाद

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The Blues....Depression यह अंतहीन चक्र आरम्भ होता है उदासी, अकेलापन, दुख से और शीघ्र ही आप अपने आप को एक अँधे कुँए में पाते हैं..जहाँ सब ओर अँधेरा ही अँधेरा होता है। Sooner or later, everyone gets the blues. Feeling sadness, loneliness, or grief when you go through a difficult life experience is part of being human. But what if you don’t bounce back? अवसाद एक मानसिक स्थिति है जो किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। मैं अनेक लोगों से मिलती हूँ और उनकी मानसिक स्थिति उनका चिंतन धारा जानने का प्रयास करती हूँ। देखती हूँ अवसाद किसप्रकार न केवल मानसिक बल्कि शारीरिक रूप से भी हमें बीमार कर देता है। कई बार मैंने स्वयं में अवसाद के लक्षण देखे और मैं तुरन्त संभल गई। अवसाद में यदि आप शीघ्र नहीं संभलते और उसे पालते रहते हैं तो वह एक एसा बोझ बन जाता है कि फिर उसे आपको ढोना ही पडता है। इसी एक भूल से अवसाद, डिप्रेशन एक के बाद एक जटिल अवस्थाओं में बदलता जाता है और एक पल एसा भी आता है जब यह लगता है कि अब इस अंधेरे चक्र से वापस आना असंभव है। अवसाद, डिप्रेशन के अनेक कारण हो सकत...

Devotion is supreme, भक्ति ही श्रेष्ठ है

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भक्तिरेव गरीयसी भक्ति ही श्रेष्ठ है Devotion is the best श्रीमद् भगवत गीता कर्म योग से आरम्भ होकर भक्तियोग पर समाप्त होती है।  भक्ति योग ही आधुनिक समय अर्थात् कलियुग के लिये सर्वोत्तम मार्ग है।  श्रीकृष्ण स्वयं कहते हैं- सर्वधर्मान् परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज। सारे धर्म-अधर्म का विचार त्याग कर हे अर्जुन तू एकमात्र मेरी शरण में आ जा। और फिर यह भी कहते हैं कि- क्षिप्रं भवति धर्मात्मा शश्वच्छान्तिं निगच्छति। कौन्तेय प्रतिजानीहि न मे भक्तः प्रणश्यति।।9.31।। अर्थात्   हे कौन्तेय, जो मेरी भक्ति करता है वह  शीघ्र ही धर्मात्मा बन जाता है और शाश्वत शान्ति को प्राप्त होता है। तुम निश्चयपूर्वक सत्य जानो कि मेरे भक्त का कभी पतन नहीं होता कितना सुखद अहसास होता है जब हम यह सोचते हैं कि कोई हमारे साथ हैं सदा.. और मुझे सँभालने के लिये सदा तत्पर हैं... इससे सिद्ध होता हे कि भक्ति मार्ग ही सर्वोत्तम मार्ग है। जहाँ भगवान स्वयं भक्त का निष्काम प्रेम पाने के लिये लालायित रहते हैं।💕 #Devotion is the best #भक्ति ही श्रेष्ठ है

क्षण भंगुर जीवन, Life is Transitory

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क्षणभँगुर जीवन क्षण भंगुर जीवन की कलिका Life is Transitory क्षण भंगुर जीवन की कलिका  कल प्रात को जाने खिली ना खिली, मलयाचल की शुचि शीतल मंद सुगंध समीर मिली ना मिली । कलिकाल कुठार लिये फिरता तनु नम्र सु चोट झिली न झिली, भज ले हरी नाम अरी रसना कल प्रात को जान ेहिली ना हिली।। The writer says life is transitory. You are not sure whether you will see it tomorrow or not or will relish this fresh fragrance of Malaya Pawan( a specific fragrant wind that blows from Malaya, a hill). Death is chasing you every moment. O my tongue, recite the divine name of Hari (Krishna) this very moment perhaps you will not get this chance tomorrow.

What is Devotion? , भक्ति क्या है?

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What is Devotion?  भक्ति क्या है ? भक्ति क्या है। भगवान से प्रेम करना, उन्हें अपना सबसे प्रिय मानना। केवल मुहं से कहने से काम नहीं चलेगा। क्योंकि भगवान अंतर्यामी हैं वे हमारे मन की बात जानते हैं। इसलिये इस बात से सावधान रहें कि भक्ति में दिखावा नहीं रहता। संसार के लोग अल्पज्ञ हैं इसलिये हमें अपने प्यार का दिखावा करना पड़ता है। बार-बार मुँह से कहना पडता हे-आई लव यू। पर भगवान को हमारे शब्द नहीं हमारा मन चाहिये। केवल पूजा-पाठ भक्ति नही- हम अपने जीवन में यह देखते हैं कि अधिकाँश पंडित कर्मकाण्ड करवाते हैं और यही करना से सिखाते भी हैं। यह पूजा कर लो, इतना पाठ कर लो, यह मंत्र जप कर लो। पर यह भक्ति नहीं है। जब ताक आप अपने प्रिय प्रभु का स्मरण कर आँखों से आँसू नहीं बहाते आपकी भक्ति पूर्ण नहीं। संसार में हमारे किसी अपने जन का छोटा सा एक्सीडेंट होने पर, या दूर विदेश से उसका 10 दिन तक फोन न आने पर हमारे प्राण छटपटा जाते हैं,आँखों में आँसू भर आते हैं उसकी याद करके। क्या एसी कोई फीलिंग अपने भगवान के लिये हुई। नहीं । तो यह जान लीजिये कि आपने प...

कर्म का सिद्धांत -The Law of Karma

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कर्म का सिद्धांत   -  The Law of Kar ma हम अक्सर परेशान रहते हैं और उसके लिये सदा भगवान को कोसते रहते हैं। ना जाने वह हमें क्यों परेशान करता रहता है। फिर सब कहते भी तो यही हैं कि भगवान की इच्छा से ही सब होता है। हमारी इच्छा से कुछ नहीं होता। भगवान की मर्जी के बिना पत्ता भी नहीं हिलता। आदि-आदि। तो क्या सचमुच ही भगवान हमारे कार्यों का कर्ता है। हम कुछ नहीं करते। कर्ता कौन यदि भगवान ही सब कुछ करता है तो फिर हम सुख और दुख क्यों भोग रहे हैं। और यदि हम ही अपने कर्मों के कर्ता हैं तो फिर भगवान कहाँ से बीच में आ गये खामखाँ। तो सच जान लेते हैं- हम भगवान को कर्ता कहते हैं क्योंकि भगवान ने ही हमें कार्य करने की, चिंतन की शक्ति दी। 100 प्रतिशत सहीं बात। किन्तु इसके आगे वह कुछ नहीं करता। बस हाथ में कलम लिये देखता रहता है कि हम क्या करते हैं ताकि वह नोट करे और उसी के अनुसार हमें फल प्रदान करे। तो वह फैसला हम पर छोड़ता है कि हम किस प्रकार का कर्म करेंगे। अच्छा कर्म- बुरा कर्म अच्छा कर्म या बुरा कर्म । पाप या पुण्य। यह फैसला केवल और केवल हमारा होता है। ...