सौन्दर्य लहरी हिन्दी में Adi Shankaracharya Soundrya Lahari Soundaya Lahari सौन्दर्य लहरी जगद्गुरु शंकराचार्य द्वारा रचित एक ग्रंथ है जो संस्कृत भाषा में है तथा जिसमें 100 श्लोक (छंद) हैं। इसकी रचना उन्होंने बाल्यकाल में ही की थी ऐसा कहा जाता है। सौंदर्य लहरी अर्थात् सुन्दरता की लहरें, इसमें माँ पार्वती के सौन्दर्य, उनकी कृपा एवं करुणा, भक्ति वत्सलता का सुन्दर वर्णन है। सौन्दर्य लहरी की विषय -वस्तु श्री जगद्गुरु शंकराचार्य ने सौन्दर्यलहरी स्त्रोत में श्री आदि शक्ति मूलमाया एवं शुद्ध विध्या का तात्विक, यौगिक, और प्राकृतिक सगुणरूप का, रस्गार्भित, भक्तिपूर्ण, व मनोहर वर्णन किया है | भगवत्पाद ने जो अनेक ग्रन्थ तात्विक और धार्मिक विषय के लिखे हैं, उनमें ‘सौन्दर्यलहरी’ एक संकीर्ण स्त्रोत है, जिस की रचना भगवत्पाद ने बाल्यावस्था में ही की थी, ऐसा श्लोक ७५ और १०० से प्रकट होता है। भुमौस्खलित पादानाम् भूमिरेवा वलम्बनम् । त्वयी जाता पराधानाम् त्वमेव शरणम् शिवे ॥ शिवः शक्त्या युक्तो यदि भवति शक्तः प्रभवितुं न चेदेवं देवो न खलु कुशलः स्पन्दितुमपि। अतस्त्वाम् आराध्यां हरि-हर-विरिन्च...
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क्षण भंगुर जीवन, Life is Transitory
क्षणभँगुर जीवन क्षण भंगुर जीवन की कलिका Life is Transitory क्षण भंगुर जीवन की कलिका कल प्रात को जाने खिली ना खिली, मलयाचल की शुचि शीतल मंद सुगंध समीर मिली ना मिली । कलिकाल कुठार लिये फिरता तनु नम्र सु चोट झिली न झिली, भज ले हरी नाम अरी रसना कल प्रात को जान ेहिली ना हिली।। The writer says life is transitory. You are not sure whether you will see it tomorrow or not or will relish this fresh fragrance of Malaya Pawan( a specific fragrant wind that blows from Malaya, a hill). Death is chasing you every moment. O my tongue, recite the divine name of Hari (Krishna) this very moment perhaps you will not get this chance tomorrow.
मन करु सुमिरन राधे रानी के चरण
मन करु सुमिरन राधे रानी के चरण मन करु सुमिरन राधे रानी के चरण राधा रानी, श्री राधा .राधेजू ,वृस्भानुनान्दिनी, राधिका ,लालीजू, किशोरिजू, श्यामा, प्यारीजू .....ये सब उनके ही नाम हैं जो इस सृष्टी का सार हैं .वे श्यामसुंदर की प्रियतमा हैं।श्यामसुंदर की कृपा शक्ति राधेजू ही हैं। जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज ने श्री राधा रानी को आधार मान कर हजारों पद लिखे हैं। जो इतने सरल और सुन्दर हैं कि मन उसमें ही खो जाता है। मन करू सुमिरन राधे रानी के चरण राधे रानी के चरण नव पल्लव वरन।
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