क्या भगवान को प्रसाद चढ़ाना सही है?
क्या भगवान को प्रसाद चढ़ाना सही है?
भगवान को प्रसाद चढाने से पहले आप अपने आप को जानिये।
- क्या आप भगवान से प्रेम करते हैं।
- क्या आप भगवान को सचमुच प्रेम से कुछ खिलाना चाहते हैं।
- क्या आप यह सोचकर प्रसाद चढाते हैं कि भगवान को चढावा चढाने से मेरी इच्छा रूपी हो जायेगी।
- क्या आप दूसरों को दिखाने किे लिये प्रसाद चढाते हैं।
- क्या आप दूसरें क्या कहेंगे इस डर से भगवान को प्रसाद नहीं चढाते हैं।
- भगवान और आपके बीच क्या रिश्ता है।
एक माँ अपने बच्चे को चाहे वह जैसा भी हो हर समय हर जगह पर प्यार करती है। कोई नियम कानून का पालन नहीं करती । किसी पडौसी के बोलने या सलाह देने पर प्रेम नही करती।
तो इसी प्रकार यदि आपका भगवान से प्रेंम है तो आप प्रसाद अवश्य चढायें किसी के बोलने ना बोलने को केयर ही ना करें, अपने विश्वास को दृढ रखें।
भगवान वह पर्सनेलिटी हैं जो प्रेम से ना खिलाने पर दुर्योधन के छ्प्पन भोग का चिरस्कार कर विदुर जी के घर पर केले के छिलके खाये । भगवान आपका प्रेम देखते हैं आपका प्रसाद नहीं। यदि आप प्रेम से नहीं खिलायेंगे दिखावा करेंगे तो भगवान भी दिखावा करेंगें।
याद रखिये भगवान सर्वान्तरयामी हैं, सर्वज्ञ हैं, हमारे मन की बात जानते हैं। हम संसार को धोखा दे सकते हैं पर भगवान को नहीं।
भगवान के साथ अपना एक रिश्ता बनाइये उन्हें प्रेम कीजिये। वे आपका दिया हुआ भोग अवश्य ग्रहण करेंगे।
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भगवान को भोग लगाना |
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